आजकल कार नही ​बल्कि क्यों होते है गाडियों से चोरी साइलेंसर, जानिए इनकी वजय

रेवाड़ी : सुनील चौहान। जिले में गाड़ियों के साइलेंसर चोरी करने वाला गिरोह सक्रिय है। पुलिस ने चोर गिरोह के तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित उत्तर प्रदेश के जिला हापुड़ के गांव मोहम्मदपुर रुस्तमपुर निवासी अबुजर खान, फतेह खान व कमाल अहमद है। पूछताछ में तीनों ने जिले में साइलेंसर चोरी की कई वारदात करना कबूल किया है। आरोपितों ने 18 मई की रात को भी दो जगह चोरी की थी। पूछताछ के लिए पुलिस ने आरोपितों को अदालत से रिमांड पर लिया है।

पुलिस ने बताया कि शहर के मोहल्ला राजीव नगर निवासी मनीष का कार का 18 मई की रात को साइलेंसर चोरी हो गया था। चोर नजदीक लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बुधवार की शाम को तीनों आरोपित अबुजर खान, फतेह खान व कमल अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित वारदात के बाद जिले से भाग जाते थे। आरोपितों ने अभी पांच चोरी की वारदात कबूल की है।
इसलिए करते थे चोरी: पुलिस की ओर से पूछताछ में बताया कि कार के साइलेंसर की कीमत करीब 45 हजार रुपये होती है। साइलेंसर के बीच में एक प्लेटनुमा पार्ट लगा होता है, जिसे चोर अपनी भाषा में मिट्टी कहते है। इसका काम कार में से निकलने वाले कार्बन को कंट्रोल करना होता है। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे साइलेंसर की चोरी उसमें लगी पैलेडियम धातु के लिए करते थे। इस एक ग्राम धातु की कीमत मार्केट में साढ़े चार से पांच हजार रुपये है। पैलेडियम निकालने के बाद साइलेंसर भी चोरी के बाजार में अच्छी कीमतों पर बेच दिए जाते थे।
क्या है पैलेडियम:

साइलेंसर में लगे डस्ट पार्टिकल में पैलेडियम मेटल लगा होता है। पैलेडियम चांदी की तरह एक सफेद धातु है। इसका उपयोग खासतौर पर ईको कार में ही होता है। पैलेडियम का उपयोग आटोमोबाइल के अलावा गहने बनाने और दांतों के उपचार में भी होता है। यह धातु लगभग सभी कारों में प्रयोग किया जाता है। अन्य कारों की बजाय इको कार में इसका वजन अधिक होता है, जिस कारण इस कार का साइलेंसर चोरों के निशाने पर रहता है। पुलिस ने तीनों आरोपितों को अदालत से एक दिन के रिमांड पर लिया है। पूछताछ में अन्य वारदात के सामने आने की भी उम्मीद है।

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